जनजातीय गौरव दिवस से शुरू होगा प्रदेश में बकरी दूध विक्रय-

  
Last Updated:  नवम्बर 14, 2021 " 11:57 अपराह्न"

सांकेतिक फोट

पशुपालन मंत्री श्री पटेल बड़वानी से करेंगे शुभारंभ

भोपाल। जनजातीय गौरव दिवस से मध्यप्रदेश के लोगों को स्वास्थ्यवर्धक और सुपाच्य बकरी का दूध मिलने लगेगा। पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल 15 नवम्बर को इंदौर संभाग के बड़वानी के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में बकरी दूध विक्रय का शुभारंभ करेंगे। बकरी दूध विक्रय की शुरूआत जबलपुर और इंदौर के जनजाति बहुल जिलों से एकत्र दूध से होगी। इंदौर संभाग के धार, झाबुआ, बड़वानी और जबलपुर संभाग के सिवनी, बालाघाट जिलों के जनजातियों से 50 से 70 रूपये प्रति किलो की दर से बकरी का दूध इंदौर एवं जबलपुर दुग्ध संघ द्वारा खरीदा जा रहा है। 200 एमएल की बॉटल में अधिकतम 30 रूपए की दर से यह दूध फिलहाल जबलपुर और इंदौर दुग्ध संघ के पार्लरों पर उपलब्ध होगा।
पौष्टिक तत्वों से भरपूर है बकरी दूध
बकरी का दूध पौष्टिक खनिज तत्वों से भरपूर होता है। कार्बोहाईड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, तांबा, जिंक आदि का उत्तम स्त्रोत होने से यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। वसा के कण अन्य दूध की तुलना में छोटे होने से जल्दी एवं आसानी से पच जाता है। दैनिक अनुसंशित मूल्य का 33 प्रतिशत कैल्शियम शरीर को प्रदाय कर हड्डियों के घनत्व को बढ़ाता है। बकरी के दूध में मध्यम श्रेणी का फैटी एसिड होने से यह शरीर को अधिक ऊर्जा देने के बावजूद चर्बी के रूप में जमा नहीं होता। इससे वजन नियंत्रित रहता है। आँतों के विकार और कोरोनरी रोग के इलाज में भी सहायक है।
कोलेस्ट्रॉल को कम करता है
बकरी का दूध शरीर में अच्छे कोलेस्टॉल के स्तर को बढ़ाकर खराब कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर नियंत्रित करता है। हृदय को कोरोनरी बीमारी से बचाने में प्रभावी है। बकरी का दूध चयापचय (मेटाबॉलिक) एजेंट होने से कॉपर और आयरन को भी मेटाबोलास कर सकता है। पाचन और कब्ज की समस्या और सूजन दूर करने में भी सहायक है। बकरी के दूध में उपलब्ध वसा एवं ट्राइग्लेसराइडस् मानव त्वचा में निखार लाते हैं। त्वचा को नर्म एवं स्वस्थ रखता है। इसमें मौजूद विटामिन-‘A’ चेहरे के कील-मुँहासे को दूर कर रंग में निखार लाता है।
डेंगू से सुरक्षा
बकरी का दूध रक्त में प्लेटलेटस् को नियंत्रित कर डेंगू से सुरक्षा करता है। लेक्टोज इन्टोलरेंट लोगों के लिये बकरी का दूध एक अच्छा विकल्प है। जिन लोगों को दुग्ध शर्करा से एलर्जी है, उनके लिये बकरी का दूध अच्छा विकल्प है। बकरी के दूध में अधिकतर A-2 (Casien) नामक प्रोटीन होता है, जो एलर्जिक नहीं होता और कोलाइटिस, चिड़चिड़ापन एवं आंतों के सिंड्रोम आदि से सुरक्षा करता है। बकरी का दूध अस्थिक्षय को भी रोकता है।

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