MP News:नकली नोट चलाने वाले आरोपियो को 5-5 साल का कारावास एवं अर्थदण्ड
Last Updated: मई 31, 2024 " 06:11 अपराह्न"
बड़वानी। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश आनंद कुमार तिवारी बड़वानी द्वारा अपने दिये गये फैसले में नकली नोट चलाने वाले आरोपी रविन्द्र पिता लल्ला बलाई निवासी उमरपुरा जिला मुजफ्रनगर उत्तरप्रदेश तथा आरोपी रिजवान पिता हसीम निवासी सिकरेदा जिला मुजफ्रनगर उत्तरप्रदेश को 5 वर्ष तक का करावास तथा 3 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। प्रकरण में शासन की और से पैरवी लोक अभियोजक दीपक चौहान ने की । लोक अभियोजक दीपक चौहान ने बताया कि प्रकरण के तथ्य इस प्रकार है कि 28 सितम्बर 2021 को पुलिस चौकी ओझर को मुखबीर से सूचना प्राप्त हुई थी कि दो संदिग्ध व्यक्ति नकली नोट चला रहे हैं। पुलिस द्वारा खोजबीन करने पर वह एक किराणा दुकान पर खडे मिले । पुलिस द्वारा उन्हें मुखबीर की सूचना से अवगत कराकर तलाशी लेने पर आरोपी रविन्द्र के पास से 200 रूपये मूल्य के 2 नकली भारतीय मुद्रा के नोट तथा कुछ असल मुद्रा एवं इसी प्रकार आरोपी रिजवान के पास से रूपये 200 नकली मुद्रा के 3 नोट तथा कुछ असल नोट बरामद किये । उक्त नोटो को देवास प्रेस नोट में जांच कराये जाने पर वे नकली पाये गये। पुलिस द्वारा आरोपी रिजवान के खलघाट स्थित किराये के मकान से 200 रूपये मूल्य वर्ग के 28 नकली भारतीय मुद्रा नोट बरामद किये। इन नोटो में 8-8 एवं 6-6 नोट एक ही क्रमांक के पाये गये। पुलिस द्वारा आरोपी से पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि वे गाजियाबाद उत्तरप्रदेश से मूल मुद्रा के बदले नकली नोट प्राप्त कर तथा ग्राम खलघाट में एक अन्य व्यक्ति से नकली नोट प्राप्त किये। आरोपी रविन्द्र ने बताया कि वह विभिन्न ग्रामों का दौरा करता था और कपडे बेचने की आड में महिला एवं बच्चों द्वारा संचालित दुकानों पर जाकर सामान खरीदने के लिये नकली नोटो का असली नोटों के रूप में उपयोग करते थे। आरोपियो द्वारा नकली नोटों को चलाकर एवज में असली नोंट भी प्राप्त किये गये, जिन्हें भी पुलिस ने जप्त किया। जॉच पूरी होने के पश्चात थाना नांगलवाडी द्वारा आरोपियो के खिलाफ धारा 489 आईपीसी के तहत आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा आरोपी के विरूद्ध प्रकरण सिद्ध मानते हुए आरोपियो को धारा 489 -बी के तहत 5-5 वर्ष का कारावास एवं 2-2 हजार रूपये का जुर्माना तथा धारा 489-सी के तहत 3-3 वर्ष की कारावास एवं 1-1 हजार रूपये का जुर्माना से दंडित किया गया। न्यायालय ने अपने फैसले में यह स्पष्ट किया है कि आरोपियो द्वारा किया गया अपराध आर्थिक अपराध है, जिसकी गंभीरता समाज पर प्रभाव को देखते हुए आरोपियो को उचित दंड दिया जाना चाहिये। प्रकरण में पुलिस की ओर से अनुसंधान एएसआई साबीर अली सैयद ने की ।