दो घंटे की तेज बारिश में गंगायत्ता नाला दो भाग में बंटा, विकास वैसा हो जो आफत से बचाए, विकास वैसा न हो जो खुद ही आफत बन जाए

  
Last Updated:  जून 26, 2025 " 09:20 अपराह्न"

ये कैसा विकास…राहत से ज्यादा आफत,

Ratlam_ dhamnod: जिले के धामनोद नगर क्षेत्र में कभी रिमझिम तो कभी तेज बारिश का दौर जारी है। वहीं इसी दौर में नगर में नगर परिषद की ओर से जगह-जगह सड़कों एवं नाले का निर्माण कार्य भी किया जा रहा है। लेकिन बारिश के दौरान ये विकास कार्य भी ठप पड़ गए है। यही विकास कार्य अब लोगों के लिए आफ़त बन गया है। जहां राज्य आपदा प्रबंधन निधि से स्वीकृत राशि से आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए कार्य होना था वहीं इसके विपरित दिशा में काम होता प्रतीत हो रहा है।

ये कैसा विकास… राहत से ज्यादा आफत-

नगर के मुख्य आंतरिक मार्ग के एप्रोच को सीसी रोड़ बनाने के लिए सड़क के एप्रोच की खुदाई की गई। यहां तकरीबन 10 इंच रोड़ की खुदाई करने के बाद बारिश के चलते काम बंद कर दिया गया। वहीं बारिश में क्षेत्र जलमग्न हो गया। और पानी भी घरों के सामने भरा हुआ है। लोगों को अपने घर आवागमन में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और अपने वाहन सड़क पर खड़े करने को मजबूर हैं।आलम ये है कि सड़कों का यही विकास कार्य अब लोगों के लिए आफ़त बन गया है।

नगर के मुख्य आंतरिक मार्ग वार्ड नं 01 में सड़क की खुदाई कर छोड़ दिया गया

दो घंटे की तेज बारिश का पानी भी नहीं समाया एक करोड़ के नाले में, क्षेत्र हुआ जलमग्न-

लगभग एक करोड़ की लागत राशि से निर्माण किये जा रहे नाला दो भागों में बंटा

राज्य आपदा प्रबंधन निधि से स्वीकृत गंगायत्ता नाले का आरसीसी निर्माण कार्य बगैर भोगौलिक अध्ययन के नाला निर्माण और बहाव की दिशा परिवर्तन किया जाना आफ़त की और अभी से इंगित कर रहा है। दो घंटे की तेज बारिश का पानी भी एक करोड़ के नाले में नहीं समाया और एक ही क्षेत्र में दो अलग-अलग नाले का रूप देखने को मिला है। जिस उद्देश्य से राज्य आपदा प्रबंधन से स्वीकृत राशि से कार्य होना था ठीक इसके विपरित कार्य होता हुआ दिखाई दे रहा है। आपदाओं के जोखिम को कम करने के लिए नाला निर्माण होना था। लेकिन आपदाओं का प्रभाव और अधिक बढ़ाने का कार्य होना प्रतीत होता दिखाई दे रहा है। अभी धामनोद क्षेत्र के पांच बड़े तालाब में पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं आया है जब तालाबों में पानी लबालब जमा होगा और तालाब के कैचमेंट एरिया से पानी नालें में आयेगा तो आबादी क्षेत्र का दृश्य बाढ़ जैसे होने का अंदेशा है। वहीं बता दें कि बहाव की दिशा बदलने के मामले में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने मौका मुआयना कर विभाग द्वारा स्थानीय नगर परिषद को पत्र भी जारी किया गया है।

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